टीका हर साल लाखों लोगों की जान बचा रहा है। टीकाकरण गर्भवती माताएं और उनके होने वाले शिशु को कई गंभीर रोगों के प्रभाव से मुक्त रखने में महत्वपूर्ण योगदान करता है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (DIO) डॉ. यूबी सिंह ने बताया कि टीकाकरण मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए टीकाकरण एक मजबूत विकल्प है।शिशु मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में कई ऐसी बीमारियां हैं, जिनको नियमित टीकाकरण के माध्यम से रोका जा सकता है, लेकिन इन सभी टीकों का सही समय पर दिया जाना भी महत्वपूर्ण है। ताकि बच्चों को बीमारियों से बचाया जा सके।टीकाकरण बच्चों को बहुत सारे रोगों से बचाता है। बच्चों में होने वाले पोलियो, टीबी, खसरा एवं रूबेला, निमोनिया, डायरिया, हैपेटायटीस-बी, गलाघोंटू, काली खांसी, दिमागी बुखार एवं टीटनेस जैसे कई गंभीर रोगों से टीकाकरण बचाव करता है। शिशु मृत्यु दर में काफी कमी लाता है।
उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व भर में गंभीर संक्रामक रोगों से लगभग 20 लाख से 30 लाख शिशुओं की मौत हो जाती है, जिसे सम्पूर्ण टीकाकरण के माध्यम से आसानी से रोका जा सकता है।जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि जिले में हाल के वर्षों में टीकाकरण को लेकर लोगों के नजरिए में साकारात्मक बदलाव आया है। अभी भी हम शत प्रतिशत बच्चों को नियमित टीकाकरण से आच्छादित किए जाने के अपने लक्ष्य से दूर हैं। एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में 2015 –16 में 12 से 23 माह के महज 50.9 प्रतिशत बच्चों का ही सम्पूर्ण टीकाकरण हो पाया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. हेमंत अधिकारी ने बताया की कानपुर जनपद के शहरी क्षेत्र में मौजूद जिला स्तरीय चिकित्सालयों में हफ्ते के सभी सातों दिन टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में मौजूद 50 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मंगलवार से रविवार टीकाकरण किया जाता है।
इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धारित बुधवार और शुक्रवार को स्वास्थ्य केंद्रों पर मनाए जाने वाले वीएचएसएनडी दिवसों में टीकाकरण किया जाता है।