महोबा /उत्तर प्रदेश : महोबा कलेक्ट्रेट में मंगलवार को विकलांग कल्याण समिति के बैनर तले एक अनूठा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। विकलांगों ने अपनी मांगों को लेकर एक अलग अंदाज में आवाज उठाई। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में कटोरा लेकर और हारमोनियम, ढोलक की धुन पर अपनी मांगों को उठाओ। अपने हक को भीख में मांगते विकलांगों का प्रदर्शन दिखे हर कोई अचंभित हो गया। आपको बता दें कि विकलांग कल्याण समिति विकलांगों के हित में चल रही योजनाओं का लाभ न मिलने से आहत है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में विकलांगों के लिए आवास आए थे मगर इतनी धांधली रही कि विकलांग इस योजना से ही दूर हो गए। पेंशन समय से नहीं आ रही जिससे विकलांग दर दर की ठोकरें खा रहे है। रेलवे का पास झांसी में बन रहा है जहां विकलांग नहीं जा पाते। यहीं नहीं जिला अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा बनाए जाने वाले विकलांग प्रमाण पत्र में भी उनके साथ भेदभाव कर कम विकलांग का प्रमाण पत्र जारी किया जाता है जिससे उन्हें यात्रा में हेल्पर का लाभ नहीं मिल पाता। ऐसी 11 मांगों के पूरा न होने पर ये अनोखा प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान विकलांगों ने “हमारा हक जो खाएगा..हम जैसा हो जाएगा” जैसे नारे लगाए। उनकी प्रमुख मांगों में विकलांगों के लिए आरक्षण में वृद्धि, लोन की सीमा बढ़ाने, बिजली और पानी के बिल में छूट जैसी महत्वपूर्ण मांगें शामिल भी थीं। प्रदर्शनकारियों ने कुल 11 मांगों का एक ज्ञापन तैयार किया, जिसे मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी को सौंपा गया। कलेक्ट्रेट में हाथों में कटोरा लेकर मांगों की भीख मांगी गई। संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष मुकेश कुमार भारती, कुंवरलाल सुदर्शन, कालका प्रसाद साक्षी आदि ने बताया कि उनकी जायज मांगे लंबे अरसे से पूरी नहीं हो रही इसलिए कटोरा लेकर भीख मांगने निकले है ताकि शासन प्रशासन हमारी मांगों को भीख में ही दें दें।यह प्रदर्शन इसलिए भी विशेष था क्योंकि विकलांगों ने अपनी मांगों को रखने के लिए संगीत और लोक कला का सहारा लिया, जो उनकी रचनात्मक अभिव्यक्ति का एक अनूठा उदाहरण बन गया। इस अनूठे विरोध प्रदर्शन ने प्रशासन का ध्यान विकलांगों की समस्याओं की ओर आकर्षित कराया है मगर देखना होगा कि इन विकलांगों की मांगों को कब पूरा किया जाएगा।