समीउद्दीन उर्फ लंबू ड्राइवर ने 10 दिन का रखा एतिकाफ मांगी देश के लिए अमन चैन की दुआ
कानपुर देहात /उत्तर प्रदेश:
रमज़ान के आखिरी दस दिन मुसलमानों के लिए विशेष महत्व रखते हैं। खासकर 20वें रमज़ान से शुरू होने वाला आखिरी अशरा, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष, शास्त्री नगर पुखरायां निवासी शमीउद्दीन, उर्फ लंबू ड्राइवर ने सुन्नी गरीब नवाज मस्जिद में एतिकाफ करके इस महत्वपूर्ण अवधि को धार्मिक रूप से मनाया।
जिसमें मुसलमान दुनियावी मामलों से दूर रहते हुए मस्जिद में रहकर इबादत करते हैं। इसका उद्देश्य अल्लाह के करीब जाना और अपनी आत्मिक शुद्धि को बढ़ाना है। रमज़ान के आखिरी अशरे में, विशेष रूप से 20वें दिन से शुरू होकर ईद तक, यह प्रक्रिया की जाती है। इस दौरान, मुसलमान रोज़ा रखते हुए नमाज़ अदा करते हैं और अन्य धार्मिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं। रमज़ान के आखिरी अशरे का विशेष महत्व है, जिसमें शब-ए-क़द्र जैसी महान रात आती है। इसे कुरआन में एक हजार महीनों से बेहतर बताया गया है, और यह रात दुआ और इबादत के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती है। इस दौरान की जाने वाली इबादतें और दुआएं विशेष रूप से अल्लाह के दरबार में स्वीकार होती हैं। एतिकाफ रमज़ान के 20वें दिन मगरिब की नमाज़ के बाद शुरू होता है और ईदुल-फितर तक चलता है, जब तक चाँद दिखाई नहीं देता। इस दौरान मुसलमान अपनी पूरी ऊर्जा और ध्यान को इबादत और धार्मिक कार्यों में लगाते हैं। रमजान के मौके पर एतिकाफ रखकर पुखरायां निवासी समीउद्दीन लंबू ड्राइवर ने अल्लाह से देश के लिए अमन चैन की दुआ मांगी