महोबा /उत्तर प्रदेश :बुंदेलखंड, इस नाम के सामने आते ही सूखा, पेयजल समस्या, किसानों की आत्महत्याएं जहन में आती हैं। मगर इस अभिशाप को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को नदियों के जरिए जोड़कर दूर करने की कवायद शुरू की है। केन-बेतवा लिंक परियोजना के जरिए महोबा जनपद सहित बांदा, हमीरपुर और झांसी, ललितपुर को लाभ पहुंचेगा। नदिया न होने के बाद भी महोबा जिले के लिए यह परियोजना वरदान साबित होगी जिससे यहां की 45 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी साथ ही 5 लाख लोगों को पीने का शुद्ध पानी भी मिल पाएगा।दरअसल आपको बता दें कि बुंदेलखंड का महोबा सूखा और पेयजल समस्या से हमेशा जूझता रहा है। कई दशकों से सूखे की मार झेल रहे महोबा को सिंचाई के लिए पानी तो दूर पीने का पानी भी बमुश्किल मिल पाता था जिसको लेकर पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्जुन सहायक परियोजना की सौगात दी थी। मगर अब नदियों को जोड़कर बुंदेलखंड क्षेत्र को हरा भरा बनाने की बड़ी पहल शुरू की गई है। मध्यप्रदेश के खजुराहो से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केन-बेतवा परियोजना का शिलान्यास किया है आने वाले कुछ वर्षों में इस योजना से मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के अलावा यूपी के महोबा जनपद सहित बांदा, हमीरपुर और झांसी, ललितपुर को लाभ पहुंचेगा। बात महोबा की करें तो इस योजना के पूरा होने के बाद 45 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होने के साथ पांच लाख लोगों को पानी की समस्या से निजात मिल जायेगी।पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई का सपना देश की नदियों को जोड़ने का था जिसे उनकी ही जयंती इस नदी जोड़ों परियोजना को हरी झंडी दिखाई गई है। आपको बता दें कि पूर्व सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल ने अपने कार्यकाल में इस लिंक परियोजना को सदन में उठाया था। अब जब इस परियोजना को पीएम मोदी शुरू करने जा रहे है तो उम्मीद जताई जा रही है कि इससे बुंदेलखंड पानी पानी हो जाएगा। महोबा के पानीदार लोगो पानी ही पानी मिलने की उम्मीद इस योजना से जागी है। आपको बता दें कि महोबा जनपद में नदी न होने पर केन बेतवा मुख्य नहर से दो चैनल बनाकर महोबा तक पानी लाने का काम होगा। ताकि यहां के चंदेलकालीन तालाबों को भरा जा सकें। जानकार तारा पाटकर, राजुल मिश्रा, शेख अशरफ, अभय गुप्ता, जेपी अनुरागी आदि बताते है कि एक चैनल से उर्मिल डैम, सलारपुर, मदन सागर, कीरत सागर, बीजा नगर तालाब से होते हुए दिसरापुर तक पानी पहुंचेगा जबकि दूसरे चैनल से मझगवा डैम से होते हुए बेलासागर, कुलपहाड़, कमालपुरा से रैपुरा तालाब तक पानी पहुंचाने का काम किया जाएगा। महोबा में 5735 करोड़ का बजट परियोजना में खर्च होगा। तीन वर्षो में परियोजना का काम पूरा किया जाएगा। यहीं नहीं अगले चरण में जिले के चंदेलकालीन 11 तालाबों को नहरों से पाइप लाइन बिछा कर जोड़ने की योजना है। आपको बता दें कि जिले में चैनल एक से मझगवां बांध से 23354.71, बेलासागर से 8343.13, कुलपहाड़ तालाब से 1037.01, कमालपुरा तालाब से 1756.44, रैपुरा बांध से 4425.93 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी वहीं उर्मिल डैम से 4676.36, सलारपुर बांध से 4449.02 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। कीरत सागर सरोवर से 951.45, बीजानगर तालाब से 840 हेक्टेयर, दिसरापुर बांध से 3049.86 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। जिससे किसान दो से अधिक फसलों की पैदावार भी कर सकेंगे और क्षेत्र में खुशहाली आएगी। महोबा के अलावा बुंदेलखंड बांदा, हमीरपुर और झांसी, ललितपुर के लिए यह योजना वरदान साबित होगी जिसको लेकर लोगों में बड़ा उत्साह है और सभी इस योजना की प्रशंसा कर पीएम मोदी की तारीफ कर रहे है।