महोबा /उत्तर प्रदेश: महोबा जिले के महोबकंठ क्षेत्र के सतौरा गांव में सोमवार को एक विवाह समारोह के दौरान विषाक्त भोजन करने से आधा सैकड़ा से अधिक लोग बीमार हो गए। बीमारों में छोटे-छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं। सभी को उल्टी-दस्त की शिकायत हुई, जिससे समारोह में अफरा-तफरी मच गई।सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं और पीड़ितों का उपचार शुरू किया। वहीं, खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा ने मौके पर पहुंचकर खाद्य सामग्री की जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि भोजन में यज्ञ और हवन के लिए उपयोग किए जाने वाले घी का प्रयोग किया गया था। जिस डिब्बे ऐ घी लिया गया, उस पर स्पष्ट रूप से लिखा था कि वह इंसानों के खाने योग्य नहीं है और केवल धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयोग किया जाना चाहिए। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि विषाक्त भोजन की पुष्टि करने के लिए भोजन का सैंपल मांगा गया था, लेकिन परिजनों द्वारा भोजन फेंक दिए जाने के कारण सैंपल नहीं लिया जा सका।आपको बता दें कि सतौरा गांव निवासी संदीप के परिवार में मंडप कार्यक्रम का आयोजन था, जिसमें बड़ी संख्या में रिश्तेदारों और ग्रामीणों को आमंत्रित किया गया था। भोज के बाद कुछ ही समय में लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत शुरू हो गई। ग्रामीणों ने तत्काल पुलिस को डायल 112 के माध्यम से सूचना दी।सीएमओ डॉक्टर आसाराम द्वारा मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेज दिया गया है। डॉक्टरों ने बीमार लोगों का प्राथमिक उपचार शुरू किया और गंभीर मरीजों को अस्पताल भेजा। कुलपहाड़ के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) अनुराग प्रसाद स्वयं मौके पर रहकर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लोगों को पेट में दर्द, दस्त और उल्टी की शिकायत थी। खाना विषाक्त कैसे हुआ इसकी जांच कराई जा रही है।फिलहाल चिकित्सकों की टीम ने सभी पीड़ितों की हालत खतरे से बाहर बताई है। प्रशासन ने पूरी घटना पर नजर रखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को मुस्तैद कर दिया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।