महोबा /उत्तर प्रदेश : बुन्देलखण्ड में जर जमीन के विवाद में होते परिवारिक आपराधिक मामलों को रोकने के लिए सरकार ने प्रभावी कदम उठाते हुए ग्रामीण परिवार प्रमाण पत्र (घरौनी) योजना की शुरुवात हुई है। जिससे शहरों की तरह ग्रामीण क्षेत्रों में लोग स्थाई संपत्ति में इस योजना के जरिए स्वामित्व को दर्शा सकेंगे उन्हें भी शहरीय जैसी योजनाओं का लाभ मिलेगा। इसकी जानकारी एमएलसी और पूर्व सांसद सहित बीजेपी नेताओं ने प्रेस वार्ता करते हुए दी।
योजना के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए पूर्व सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने कहा कि इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2020 को ग्रामीण परिवार प्रमाण पत्र (घरोनी) के नाम से की थी । जिसके घरोनी वितरण का बृहद कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है ।पूर्व सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने बताया कि इस योजना के तहत परिवार और पड़ोस के जमीनी और घरेलू विवाद में कमी आएगी । उन्होंने कहा कि दुःख इस बात का है कि इस योजना को शुरू करने में 70 साल से अधिक का समय लग गया । यदि पहले सरकारों ने इस योजना पर ध्यान दिया होता तो बहुत से लड़ाई झगड़े और विवादो की वजह से घर बर्बाद न होते।
ग्रामीण इलाकों में हम पाते हैं कि ऐसे कई परिवार हैं जिनकी जमीन किसी भी सरकारी आंकड़ों में दर्ज नहीं होती है इससे उनकी जमीन के स्वामित्व पर एक खतरा रहता है ऐसे लोगों को उनके स्वामित्व दिलाना अत्यंत आवश्यक है यह योजना प्रायोगिक तौर पर छह राज्यों में शुरू की गई उसमें एक राज्य उत्तर प्रदेश है एक बार पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद इस योजना के माध्यम से लाखों ग्रामीण लोग लाभान्वित हो सकेंगे इस योजना के माध्यम से किए गए भूमि संपत्ति पंजीकरण के माध्यम से अधिकारों का रिकॉर्ड प्रदान किया जाएगा जो की ऋण और अन्य वित्तीय सेवाओं के लिए ग्रामीण आवासीय संपत्तियों की मुद्रीकरण की सुविधा प्रदान करेगा।वहीं विधान परिषद सदस्य जितेन्द्र सिंह सेंगर बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को शहरी क्षेत्र जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए सरकार स्वामित्व योजना चला रही है इसके तहत गांव के उन लोगों को उनकी जमीन का मलकाना हक दिया जा रहा है जिनकी जमीन किसी भी सरकारी आंकड़ों में दर्ज नहीं है। उनका भी स्वामित्व कार्ड बनाया जाएगा । इसके तहत प्रत्येक भू स्वामी के लिए स्वामित्व( प्रॉपर्टी) कार्ड बनाए जाएंगे इससे उन्हें भविष्य में संपत्ति के रूप में अपनी भूमि संपत्ति का उपयोग करने के मामले में वित्तीय संसाधनों को एक आधिकारिक दस्तावेज पेश करने की मदद मिलेगी।